शुक्रवार, 24 जनवरी 2014

मेरी प्रियतमा आ !


तृतीय प्रहर रात्रि का
बनकर अभिसारिका
चुपके से मुझे छोड़कर
तू बड़ी निर्लज्ज होकर
भाग जाती है कहीं |
मैं ढूंढ़ता हूँ तुझे यहाँ वहाँ
तू मिलती नहीं कहीं |
इन्तेजार में तेरी
बदल बदल कर करवट
राह देखता हूँ तेरी |
मेरी जवानी में तू कभी
गई नहीं छोड़कर मुझे कभी
उम्र की इस पढाव पर
सहन नहीं होता विरह ,
परायापन ,बेरुखी तेरी |
जानता हूँ ........
तुझे मेरी जरुरत नहीं है
पर मुझे तेरी जरुरत है
और रहेगी जीवन भर ,
तू मुझे और ना सता
ऐ मेरी प्राणप्रिया !
नाराज न हो ,लौटकर आ,
आ मेरी प्रियतमा आ
आ मेरी चिर साथी आ
आ कर मेरी आखों में बस जा
मुझे शांति से सुला जा
आ मेरी प्रियतमा “निद्रा “आ ! 

कालीपद "प्रसाद "
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21 टिप्‍पणियां:

अशोक सलूजा ने कहा…

सच! एक खुबसूरत प्रणय निवेदन अपनी आज की प्रियतमा से .....:-))
आ मेरी प्रियतमा “निद्रा “आ !

vandana gupta ने कहा…

वाह लाजवाब

राजीव कुमार झा ने कहा…

बहुत सुंदर.

DR. SHIKHA KAUSHIK ने कहा…

bahut sundar bhavabhivyakti .badhai

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सुन्दर ! अत्यंत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति !

Maheshwari kaneri ने कहा…

बहुत सुन्दर...

Parul Chandra ने कहा…

बहुत ही सुंदर भाव...

Kailash Sharma ने कहा…

वाह...बहुत सुन्दर...

dr.mahendrag ने कहा…

सुन्दर मार्मिक भावाभिव्यक्ति.

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

राजीव जी सुचना देने के लिए आभार !

Unknown ने कहा…

निद्रा से बेहतर कोई साथी नहीं होता ये सच है खासकर जब मन व्यथित हो। यही सुकून दे पाती है मन को ...
बहुत सुंदर

कौशल लाल ने कहा…

बहुत सुंदर ........

Rewa Tibrewal ने कहा…

wah bahut sundar

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

ऐ मेरी प्राणप्रिया !
नाराज न हो ,लौटकर आ,
आ मेरी प्रियतमा आ
आ मेरी चिर साथी आ
आ कर मेरी आखों में बस जा
मुझे शांति से सुला जा
आ मेरी प्रियतमा “निद्रा “आ !


निंद्रा के लिए इतनी मनुहार …?

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

निद्रा के आगोश में न कोई डर न कोई चिंता ,बढ़ती उम्र में निद्रा ही तो प्रिय साथी होता है !

Asha Joglekar ने कहा…

बहुत सुंदर, इस प्रिय की आराधना तोकरनी ही होती है।

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना, बधाई.

सारिका मुकेश ने कहा…

इन दिनों मैं भी ऐसे ही मनुहार कर रहा हूँ पर नींद तो नींद है जब आएगी अपने मन से आएगी:-))
मुकेश

Satish Saxena ने कहा…

सही है , मंगलकामनाएं !!

Jyoti khare ने कहा…

प्रभावशाली और विचारपूर्ण
वाह !! बहुत सुंदर
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई ----

आग्रह है--
वाह !! बसंत--------

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुन्दर रचना, बधाई.